रमज़ान के फज़ाइल व मसाइल (2)

हदीस: इब्ने माजा हजरते अनस रयिल्लाहु तआला अन्हु से रावी कहते हैं हजूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया: यह महीना आया इसमें एक रात हजार महीनों से बेहतर है ! जो इससे महरूम रहा हर चीज से महरूम रहा और इसकी खैर से वही महरूम जो पूरा महरूम है ! हदीस: बैहकी शोअबुल ईमान … रमज़ान के फज़ाइल व मसाइल (2) को पढ़ना जारी रखें