गोरखपुर। खूनीपुर व रहमतनगर में जलसा-ए-ईद मिलादुन्नबी जलसा हुआ। क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत से जलसे का आगाज़ हुआ। नात-ए-पाक पेश की गई।
रहमतनगर में जलसे के मुख्य अतिथि मुफ़्ती अख़्तर हुसैन मन्नानी (मुफ़्ती-ए-शहर), मुफ़्ती मुनव्वर रज़ा रज़वी व मौलाना अली अहमद ने कहा कि नबी-ए-पाक हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की तालीम है कि मजदूरों का पसीना सूखने से पहले उनकी मजदूरी दे दो। अगर कोई भर पेट खाना खाकर सो गया और उसके पड़ोस में कोई भूखा सोया तो बेशक वह सजा का हक़दार है और हिसाब किताब के दिन उससे पूछा जाएगा। अगर कोई मरीज़ है तो उसकी मदद करें। बुजुर्गों की मदद करें। गरीबों की मदद करें।, मजदूरों के कामों में हाथ बटाएं। सबके ख़ुशी व ग़म में शामिल हों। किसी के ऊपर जुल्म होता देख आप ख़ामोश नहीं रह सकते। किसी प्यासे को छोड़ के नहीं जा सकते, किसी के ऊपर जुल्म नहीं कर सकते, हर बेसहारा की मदद करें, जो अपने लिए पसंद करें वही दूसरों के लिए भी पसंद करें। अपनी जायदाद अपने माल के हिसाब से हर साल गरीबों, बेसहारों के लिए ज़कात, फित्रा निकालें। नमाज़ की पाबंदी करें। शरीअत पर चलें।
खूनीपुर में मुख्य अतिथि मौलाना मोहम्मद अहमद निज़ामी व मौलाना फैजुल्लाह क़ादरी ने कहा कि नबी-ए-पाक हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की सुन्नतों के मुताबिक अपनी दिनचर्या में बदलाव करें, आपका खाना-पीना, सोना, उठना, बैठना, चलना, पहनना आदि सब इबादत में गिना जाएगा। नबी-ए-पाक की सुन्नतों पर अमल करते हुए एकजुट होकर रहें। आपस में किसी तरह का भेदभाव न करें। जो भी काम करें उससे पहले बिस्मिल्लाह पढ़ें। इससे काम में बरकत आएगी।
अंत में सलातो-सलाम पढ़कर दुआ मांगी गई। शीरीनी बांटी गई। जलसे में कारी नसीमुल्लाह, हाफ़िज़ शहबाज अहमद, हाफ़िज़ एमादुद्दीन, मौलाना रेयाज अहमद, हाफ़िज़ यासीन निज़ामी, मोहम्मद अमान, समीर अली, हाफ़िज़ अमन, हाजी ईशा मोहम्मद, हामिद शाह, सैयद शाहिद अली, मो. सरफराज़, नौशाद अली, हाफ़िज़ शाकिब, काजी शहबाज आलम, फैज मुस्तफाई, अमान अहमद, काजी जैद आलम, मो. जैद चिंटू, फराज अली, मो. आसिफ, शहनवाज़ आलम, अरशद खान, शाद अली, अहद अली, सैयद अयान आदि ने शिरकत की।