ह़ज़रते अबू बक्र सिद्दीक़ रज़ियल्लाहु तआ़ला अन्हु पहले ख़लीफा हैं? क्या आप की ख़िलाफत कु़रआनो हदीस से साबित है। दलीलों की रोशनी में जवाब इनायत फरमाऐं।
अमन ख़ान
अलापुर, ज़िला मुरैना, (म.प्र.)
97138 55804
अल-जवाब
अंबिया ए किराम व रसूलाने इज़ाम (अ़लैहिमुस्सलाम) के बाद सब से अफज़ल ह़ज़रते अबू बक्र सिद्दीक़ रज़ियल्लाहु अन्हु हैं।
[फतावा रज़विया, जिल्द 28 सफा़ 478]
ह़ज़रते अबू बक्र सिद्दीक़ रज़ियल्लाहु अन्हु पहले ख़लीफा़ हैं, इस बात पर तमाम सहाबा ए किराम रिज़वनुल्लाहि अलैहिम अजमईन का इत्तेफाक़ है। और आप रज़ियल्लाहु अन्हु की ख़िलाफत कु़रआन शरीफ की कई आयतों व हदीसों से साबित है। उन में से चंद मुलाहिजा़ फरमाऐं।
“अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त ने तुम में से उन लोगों से वादा फरमाया है, जो ईमान लाए और नेक काम किये, कि वोह उनको ज़रूर ज़रूर ज़मीन में ख़िलाफत अता फरमाऐगा, जिस तरह उन से पहले लोगों को ख़िलाफत अता की गई थी।” [सूर ए नूर 55]
तफसीर इब्ने कसीर में है कि ये आयते करीमा ह़ज़रते अबू बक्र सिद्दीक रज़ियल्लाहु अन्हु की ख़िलाफत पर सादिक़ आती है, [तफ़सीर इब्ने कसीर. सूर ए नूर आयत नं.55]
ह़ज़रते हुजै़फा बिन यमान रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि नबीये करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया कि “मेरे बाद अबू बक्र और उमर की पैरवी करना” [तिर्मिजी़, किताबुल मनाक़िब अबू बक्र, उमर]
नबीये करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने मर्जु़ल-वफात में फरमाया कि, “अबू बक्र को हुक्म दो कि नमाज़ पढ़ाऐं।” [बुखा़री, किताबुल अजा़न]
ह़ज़रते अबू सईद खुदरी रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि, नबीये करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया कि “मस्जिद में अबू सिद्दीक़ के दरवाजे़ के अलावा सब दरवाजे़ बंद कर दो” [बुखा़री, किताबुस्सलात, बाब अल खौखा…]
उलमा ए किराम फरमाते हैं कि ये हदीस शरीफ ह़ज़रते अबू बक्र सिद्दीक़ रज़ियल्लाहु अन्हु की ख़िलाफत की तरफ इशारा करती है, क्योंकि आप इस दरवाजे़ से तशरीफ लाकर मुसलमानों को नमाज़ पढ़ाया करेंगे।
[तारीख़ुल खु़लफा़]
ह़ज़रते आइशा सिद्दीका़ रजि़यल्लाहु अन्हा से रिवायत है कि, नबीये करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने मर्जे़ वफात में फरमाया कि, “अबू बक्र और उनके बेटे को बुला लाओ ताकि मैं परवाना लिख दूं, मुझे खौफ़ है कि, कोई तमन्ना करने वाला अपनी ख्वाहिश का इज़हार करते हुए ये ना कह दे कि मैं ज़्यादा हक़दार हूँ, क्योंकि अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त और मुसलमान अबू बक्र के सिवा किसी से राजी़ नहीं होंगे।” [मुस्लिम, फज़ाइले अबू बक्र]
ह़ज़रते अली रज़ियल्लाहु अन्हु ने फरमाया कि नबीये करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने दुनिया से तशरीफ ले जाने से पहले मुझ से इस बात का अहद लिया कि, मेरे बाद अबू बक्र सिद्दीक़ खलीफा हों, उनके बाद उमर, फिर उनके बाद उसमान फिर मैं” [रियाजुन्नज़रा जिल्द 1]
ज़िक्र की गई आयते करीमा और हदीसों से ये बात रोजे़ रोशन की तरह वाज़ेह हो गई कि ह़ज़रते अबू बक्र सिद्दीक़ रज़ियल्लाहु अन्हु ख़लीफ ए अव्वल हैं, तमाम मुसलमानों का इस पर इज्माअ़् है।
वल्लाहु अअ़्लम।▪️
✍️ ज़फ़र नूरी अज़हरी
[जामिआ अल हिजाज़ ग्वालियर]
4, जुलाई 2021
98276-88786