मुल्क की आज़ादी में हिंदुओं के साथ उलेमा ने भी निभाई अहम भूमिका: मोहतिशिम रज़ा

आला हज़रत ट्रस्ट
बरेली, दरगाह आला हज़रत स्थित आला हज़रत ट्रस्ट कार्यालय पर जश्न-ए-यौम जम्हूरिया मनाया गया। कार्यालय पर सुबह 8 बजे शान से तिरंगा झंड़ा फहराया गया। सभी ने कौमी तराना गया। इस मौके पर ट्रस्ट के अध्यक्ष मोहतिशिम रज़ा खान ने कहा कि अंग्रेज हमारे मुल्क हिंदुस्तान तिज़ारत (व्यापार) करने आये और मक्कारी व फरेब से यहाँ के हुक्मरॉ बन गए। मुल्क को अंग्रेजों के चुंगल से आज़ाद कराने में हिंदुओं के साथ-साथ मुस्लिम उलेमा का भी अहम रोल रहा। दिल्ली की जामा मस्जिद से सबसे पहले अल्लामा फज़ले हक़ खैराबादी ने अंग्रेजों के खिलाफ फ़तवा दिया। लाल किले पर 7 हज़ार उलेमा को अंग्रेजों द्वारा सरे आम फाँसी पर लटकाया गया। सभी अपने मुल्क से बेपनाह मुहब्बत करते थे। मौलाना हिदायत रसूल जो आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा खां के खास शागिर्द थे। इन्हें भी अंग्रेजों ने फाँसी की सजा दी। इन कुर्बानियों की वजह से अंग्रेजों के काले कानून से आज़ाद होकर हम अपने मुल्क के आईन(कानून) के मुताबिक ज़िंदगी गुजार रहे है। आखिर में सभी को मिठाई बांटी गई।
इस मौके मौलाना मुज़फ्फर रज़ा,अज़मत उल्लाह खान,सय्यद शोएब,कलीम कुरैशी,उवैस खान,नोमान शम्शी,सय्यद असद,हुमैर रज़ा,शमशाद हुसैन,
मोहतिशिम रज़ा खान
अध्यक्ष
आला हज़रत ट्रस्ट
9634138000