जुलूस-ए-गौसिया में “या गौस” की सदाए बुलंद

- रंग-बिरंगी पोशाक में अंजुमनों ने की शिरकत।
सैलानी, बरेली
ग्यारहवी शरीफ पर बड़े पीर शेख अब्दुल कादिर बगदादी गौस-ए-पाक की याद में आज सैलानी रज़ा चौक से जुलूस-ए-गौसिया पूरी शान ओ शौकत के साथ दरगाह प्रमुख हज़रत मौलाना सुब्हान रज़ा खान (सुब्हानी मियां) की सरपरस्ती व सज्जादानशीन व बानी-ए-जुलूस मुफ़्ती अहसन रज़ा क़ादरी (अहसन मियां) की क़यादत में निकला। अंजुमन गौसो रज़ा (टीटीएस) के तत्वाधान में लगभग 80 अंजुमने ने रंग-बिरंगे पोशाक में शिरकत की। अंजुमन में शामिल लोग या गौस की सदाए बुलंद करते हुए चले। जुलूस आयोजक हाजी शारिक नूरी,मुस्तफ़ा नूरी,अफजलुद्दीन,वामिक रज़ा आदि ने कायदे जुलूस मुफ़्ती अहसन मियां की दस्तारबंदी कर जोरदार इस्तक़बाल किया। मुफ़्ती अहसन मियां ने सय्यद हुमायूँ अली को गौसिया परचम सौपकर जुलूस को रवाना किया।
मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि महफ़िल का आगाज़ हाफिज़ फुरकान रज़ा ने तिलावत ए कुरान से किया। मुफ़्ती अब्दुल मन्नान संभली ने गौस-ए-पाक की करामत बयान करते हुए कहा कि शेख अब्दुल कादिर बगदादी ने हमें बताया कि कितनी ही बड़ी मुश्किल आन पड़े लेकिन कभी सच और सब्र का दामन न छोड़ें। अपने मज़हब पर सख्ती से कायम रहते हुए अल्लाह और उसके रसूल के बताए रास्ते पर चले। जुल्म इस्लाम का हिस्सा नही न किसी पर जुल्म करे और न जुल्म सहे। ख़ुसूसी दुआ मुफ़्ती अहसन मिया ने की। जुलूस का संचालन मुस्तफ़ा नूरी ने करते हुए आला हज़रत ये शेर पढ़ा “ये दिल ये जिगर ये आँखे ये सिर जहाँ चाहो रखों कदम गौसे आज़म। सबसे आगे बुखारपूरा की अंजुमन फैज़ाने गौसे आज़म चली। जुलूस अपने कदीमी रास्तों सैलानी रज़ा चौक,मुन्ना खान का नीम,साजन पैलेस,जगतपुर के रास्ते वापिस काकर टोला से होता हुआ दरगाह शाहदाना वली हाज़िरी देते हुए देर रात सैलानी रज़ा चौक पर खत्म हुआ। रास्तों में जगह जगह फूलों से जुलूस का इस्तक़बाल किया गया। सबील व लंगर भी तक़सीम किया गया। सुबह में जुलूस आयोजक हाजी शारिक नूरी के आवास पर महफ़िल सजाई गई। कुरानख्वानी के बाद नात-ओ-मनकबत का नज़राना मौलाना अरबाज़ खान,बिलाल अजहरी ने पेश किया। तोशा शरीफ की फातिहा हुई। वहीं अंजुमन आशिकाने शाह सैलानी मिया,अंजुमन फिदायने रसूल,अंजुमन गुलशने क़ादरी जुलूस में डीजे लेकर आ रही थी जिनको टीटीएस के अजमल नूरी,ताहिर अल्वी,साकिब रज़ा, आलेनबी सबलू अल्वी आदि ने उनको समझा कर डीजे रुकवा दिए।
जुलूस की व्यवस्था अंजुमन के सचिव अजमल नूरी,औरंगजेब नूरी,ज़मन रज़ा,वसीम तहसीनी,तनवीर तहसीनी,शाहिद नूरी,नासिर क़ुरैशी,परवेज़ नूरी,ताहिर अल्वी,मंज़ूर खान,मुजाहिद बेग,आरिफ रज़ा,सबलू अल्वी,इशरत नूरी,आलेनबी,शारिक बरकाती,तारिक सईद,साकिब रज़ा,अजमल रज़ा,समी खान,इरशाद रज़ा,मोहसिन रज़ा,जावेद खान,मोइन सिद्दिकी, नफीस खान,सुहैल रज़ा,शाद रज़ा,साजिद नूरी आदि ने संभाली।
नासिर कुरैशी
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