कानपुर और लखनऊ प्राणी उद्यान से लाए गए हिमालियन भालू को कराल में छोड़ा गया

आज कानपुर और लखनऊ प्राणी उद्यान से लाए गए हिमालयन भालू को कराल में छोड़ा गया।
3 अक्टूबर को इन दोनों को लाया गया था प्राणी उद्यान में तब से अभी तक इनको इनके नाइट सेल में रखा गया था जहां इनको खाना तथा अन्य सुविधाएं मुहैया की जा रही थी।
प्राणी उद्यान के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ योगेश प्रताप सिंह ने बताया की वन्य प्राणी को नए स्थान पर लाया जाता है तो क्वॉरेंटाइन की प्रक्रिया के तहत हम उनको कुछ दिनों के लिए केवल नाइट सेल में ही रखते हैं जहां पर इनको भोजन के साथ-साथ इनके सेहत का पूरा ख्याल रखा जाता है इसका कारण यह है किया उस कमरे को अपने घर के रूप में पहचान सके बार-बार खाना दिए जाने के कारण इनको उस कमरे से लगाव हो जाता है और जब इनको हम बाहर खुले बाड़े में छोड़ते हैं तो पुनः वापस आने में परेशान नहीं करते हैं और आसानी से अपने कमरे में चले आते हैं ।
इसी के तहत दोनों को इनके कराल में अलग-अलग छोड़ा गया।
वहां मादा हिमालयन काला भालू शालिनी कराल में सामान्य रूप से घूमती रही परंतु नर हिमालयन काला भालू जिसका नाम वीरू है वह खूब मस्ती हो शरारत किया इस दौरान उसने छोटे छोटे पेड़ों को तोड़ने का भी काम किया उसका ध्यान हटाने के लिए उसको गन्ना दिया गया जिसे उसने खूब चाव से खाया।
प्राणी उद्यान के निदेशक डॉ एस राजामोहन ने बताया कि दीपावली के 2 दिन पूर्व 22 अक्टूबर को शहीद अशफाक उल्ला खान के जन्म दिन के अवसर पर इनको दर्शकों के दर्शनार्थ बाहर मुख्य बाड़े में छोड़ा जाएगा।