उत्तर प्रदेश भारत का शहर बरेली विश्व के सुन्नी, सुफी खानकाही बरेलवी विचार धारा रखने वाले मुस्लिम समुदाय का भारत में सब से बडा केन्द्र है,इस शहरे बरेली के धर्मगुर,उल्मा ,मुफ्तियों और अमन पसंद सामाजिक कार्यकर्ताओं के संगठन “आपसी सौहार्द कौन्सिल” इस समय भारतिय समाज से नफरतों के जहर को दुर करने,हिन्दु मुस्लिम समुदाय के बीच बढ़ती दुरी को खत्म करने,आपसी सौहार्द को बढावा देने, हिन्दु मुस्लिम दोनों ही समुदाय में पैदा हो चुके पीएफआई जैसे नफ़रत फैलाने वाले संगठनों के नफरती एजेण्डे को नाकाम बना कर देश में अमन व शान्ति का बातावरण स्थापित करने का निरंतर प्रयास कर रहा है।अपने इसी प्रयास को गति देने के लिए दरगाहे आलाहज़रत के समीप “बरकाती हाॅल ” में
“आपसी सौहार्द व मानवतावाद को बढ़ावा और नफ़रत फैलाने वाले चरमपंथी संगठनों का वहिष्कार” शीर्षक पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन शाम किया गया।
इस कार्यक्रम में आलाहज़रत के स्थापित कर्दा मदरसा मंज़र-ए-इस्लाम दरगाहेआलाहजरत के वरिष्ठ शिक्षक और दरगाहेआलाहजरत के इतिहासकार मुफ्ती मोहम्मद साहब बरेलवी ने कहा कि हमारा भारत अमन व शान्ति की खुशबु में बसी संस्कृतियों से भरा एक खुबसुरत देश है जहाॅ की माटी नफ़रत,दुश्मनी,मारकाट,चरमपंथ,
कट्टरवाद,क्रूरता,हिंसा और दंगा व फ़साद को लम्बे समय तक बर्दाश्त नही कर पाती,यह इस देश का इतिहास है,अब समय आ गया है कि इस प्यारे देश के अमन पसंद और शान्तिप्रिय हिन्दु मुस्लिम मिल बैठ कर देश में आपसी सौहार्द को बढावा देने की रणनीति तैयार करें और योजनाबध्द तरीके से हर छेत्र में हिन्दु मुस्लिम समुदाय के बीच संवाद स्थापित कर नफ़रत का खात्मा करें,हिन्दु मुस्लिम दोनों ही समुदाय अपने अपने समुदाय में पनपने वाले चरमपंथी,नफरती,कट्टरवादी संगठनों पर पैनी नजर रखें,नफ़रत के इन सौदागरों के नापाक मंसुबे नाकाम बनाएं,हमारे मुस्लिम समाज की मस्जिदों के इमाम अपनी जुमे के दिन नमाजे जुमा की तकरीरों के माध्यम से इस सन्देश का खुब प्रसार करें,
कानपूर के मुफ्ती फहीम साहब ने कहा कि पीएफआई को भारतीय हुकुमत ने प्रतिबंधित कर दिया है इस लिए इस प्रतिबंधित संगठन की कोई भी सामग्री हमारे नौजवान जाने अनजाने में सोशल मिडिया प्लेट फार्म या किसी अन्य स्तर पर प्रसारित ना करें और किसी भी मशकुक व अंजान संगठन व ग्रुप्स से जुडने में सावधानी बरतें।
इस कार्यक्रम में 150.उलमा और 500 आम लोग निमंत्रण देकर बुलाए गए थे,सब को खाना खिला कर और उपहार भेंट कर के वापस भेजा गया।
इस कार्यक्रम में आपसी सौहार्द को बढावा देने और नफ़रत फैलाने वाले संगठनों के नापाक मंसुबों को नाकाम बनाने का कार्य करने वालों को सम्मानित भी किया गया।
